आंतरिक समिति (आईसी)
दिनांक 29.03.2022 को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (अभातशिप) द्वारा सार्वजनिक सूचना और अभातशिप के स्वीकृत प्रक्रिया पुस्तिका (एपीएच) 2022-2023 के माध्यम से जारी किये गये निर्देशों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी ने भाफ़िटेसं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए आंतरिक समिति का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है, जिसमें निम्नलिखित सदस्य होंगे:
क्रम सं. |
नाम |
पदनाम |
सम्पर्क |
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01 |
सुश्री गंगा मुखी, सहायक प्राध्यापक निर्देशन (करार आधार पर) (ई-मेल :- ganga.mukhi@ftii.ac.in) |
अध्यक्षा |
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02 |
श्रीमती राजश्री सपाटे, निदशक की व्यक्तिगत सचिव |
सदस्य |
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03 |
श्री अमलान चक्रवर्ती, फ़िल्म अनुसंधान अधिकारी |
सदस्य |
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04 |
सुश्री रीना भोंडे, सीटीए (एचआर एजेंसी के माध्यम से) |
सदस्य |
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05 |
श्रीमती प्रीति करमारकर, (एनजीओ प्रतिनिधि) |
सदस्य |
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06 | श्री मिलिंद बापट, सहायक प्राध्यापक टीवी निर्माण | सदस्य | |
07 | प्रोक्टर | सदस्य | |
08 | अध्यक्ष छात्र संघ, शैक्षणिक परिषद सदस्य 1 | सदस्य | |
09 | सचिव छात्र संघ, शैक्षणिक परिषद सदस्य 2 | सदस्य | |
10 | सचिव, छात्रा छात्रावास | सदस्य |
क्रम संख्या 6 से 10 में उल्लिखित सदस्य तदर्थ सदस्य होंगे, जो केवल छात्र से संबंधित शिकायतों में भाग लेंगे ।
आंतरिक समिति का आदेश :
- यह समिति कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 तथा भारत सरकार द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी आदेशों के अनुसार कार्य करेगी ।
- यह समिति कार्यक्रमों की समीक्षा करती है तथा राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा सुझाए गये दिशानिर्देशों के अनुसार महिलाओं के विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए ध्यान रखेगी ।
- लिंग संवेदनशीलता और अभिविन्यास ।
- संकट प्रबंधन एवं मध्यस्थता ।
- पूछताछ एवं निवारण ।
उपरोक्त उल्लेखित किसी भी सदस्यों से कोई भी पीड़ित व्यक्ति किसी भी समय internal.comiitee@ftii.ac.in पर संपर्क कर सकता है । कार्यस्थल / शैक्षिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है । यह कानून के तहत दंडनीय अपराध है। सभी संबंधित लोगों के लिए इस संबंध में कानूनी प्रक्रियाओं को ध्यान में रखना आवश्यक है ।