Post Date: 07 Jun, 2024

77वें कान्स फ़िल्म समारोह में भा.फ़ि.टे.सं. की छात्र फ़िल्म का चयन

77 वें कान्स में भारत का प्रतिनिधित्व भा.फ़ि.टे.सं. की छात्र फ़िल्म ने किया ।

कान्स में प्रतिस्पर्धा करने के लिए भा.फ़ि.टे.सं. टीवी स्कन्ध के छात्रों ने सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन्स टू नो से ला सिनेएफ में अपनी चमक बिखेरी।

भा.फ़ि.टे.सं. की वर्ष समाप्ति में श्री चिदानंद नाईक (निर्देशक) और उनकी टीम द्वारा बनाई समन्वित अभ्यास फ़िल्म ने भारत को बड़ा सम्मान दिलाया।

 

77 वें कान्स फ़िल्म समारोह, फ्रांस (15-24 मई 2024) के ‘ला सिनेएफ’ प्रतियोगी विभाग में भा.फ़ि.टे.सं. की छात्र फ़िल्म सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन्स टू नो चुनी गई है। यह समारोह का एक आधिकारिक विभाग है, जो नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर के फ़िल्म स्कूलों की फ़िल्मों को प्रस्तुत करता है और बढ़ावा देता है।

कान्स फ़िल्म समारोह द्वारा आज दि. 23.04.2024 को यह घोषणा आधिकारिक तौर पर की गई । दुनिया भर के फ़िल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत 2,263 फ़िल्मों में से इस फ़िल्म को चुना गया है । यह 18 लघु फ़िल्मों                      (14 लाइव-एक्शन और 4 एनिमेटेड फ़िल्मों) में से एक है । यह कान्स के ‘ला सिनेएफ’ विभाग में चयनित एकमात्र भारतीय फ़िल्म है। जूरी ने गुरुवार, 23 मई को बुनुएल थिएटर में सम्मानित फ़िल्मों की स्क्रीनिंग से पहले समारोह में ‘ला सिनेएफ’ पुरस्कार प्रदान करेगी।

भारतीय फ़िल्म एवं टेलीविज़न संस्थान, पुणे (भा.फ़ि.टे.सं.) में टेलीविज़न के एक वर्षीय प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के  प्रारम्भ के पश्चात टेलीविज़न पाठ्यक्रम से एक छात्र फ़िल्म का चयन प्रतिष्ठित कान्स फ़िल्म समारोह में किया गया है।

भाफ़िटेसं के अनूठे अध्यापन शास्त्र और सिनेमा और टेलीविज़न के क्षेत्र में शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह-शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप, संस्थान के छात्र तथा भूतपूर्व छात्र वर्षों से विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं।

सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन्स टू नो” यह एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव के मुर्गे को चुराती है, जिससे समुदाय में उलट पलट हो जाता है। मुर्गा वापस लाने के लिए, एक भविष्यवाणी की जाती है जिससे बूढ़ी औरत के परिवार को निर्वासित किया जाता है।

भाफ़िटेसं के टीवी स्कन्ध के एक वर्षीय कार्यक्रम में इस फ़िल्म का निर्माण हुआ है, जहां वर्ष के अंत में समन्वित अभ्यास के रूप में विभिन्न विधाओं अर्थात निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक चलचित्रांकन, संपादन, ध्वनि के चार छात्रों ने एक परियोजना के लिए मिलकर काम किया। चिदानंद एस नाईक ने फ़िल्म का निर्देशन, सूरज ठाकुर ने फ़िल्म का चित्रांकन, मनोज वी ने फ़िल्म का संपादन किया है और अभिषेक कदम ने फ़िल्म को ध्वनि दी गई है।

भाफ़िटेसं को फ्रांस के 77 वें कान्स फिल्म महोत्सव की ‘ला सिनेएफ’ श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान प्राप्त है।

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