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संकाय सदस्यगण

Dean
1 श्री. धीरज ए. मेश्राम

श्री. धीरज ए. मेश्राम

संकायाध्यक्ष (फ़िल्म)

बीए, वर्ष 2004 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान के फ़िल्म निर्देशन विभाग से स्नातक की उपाधि प्राप्त की  तथा 2006 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में पढ़ाना शुरू किया। सेवा में रहते हुए श्री मेश्राम ने नागपुर विश्वविद्यालय से ड्रामा में अपना एमएफए पूरा किया है।

वर्तमान में वह संकायाध्यक्ष (फ़िल्म) के रूप में जुड़े हुए हैं ।

2 श्री. संदीप शहारे

श्री. संदीप शहारे

संकायाध्यक्ष (टेलीविजन),

संदीप शहारे ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा, पुणे विश्वविद्यालय के तहत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन (ई एंड टीसी) में स्नातक तथा (एमई - ई एंड टीसी) में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। वर्ष 2006 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में शामिल होने से पहले, वह कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सर्विस इंजीनियर, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) में तकनीकी सहायक, एमआईटी वूमन इंजीनियरिंग कॉलेज (एमआईटी डब्ल्यूईसी) में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कीं थीं।
 
भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में, प्राध्यापक के पद के अलावा, उन्होंने संपर्क अधिकारी, क्रय अधिकारी, ओएसडी (प्रशासन), रेडियो भाफिटेसं के प्रभारी, परीक्षा नियंत्रक, रजिस्ट्रार आदि के रूप में भी काम किया है। वर्तमान में वह स्किलिंग इंडिया इन फिल्म एंड टेलीविज़न (एसकेआईएफटी), जो कि भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान की एक पहल है, के राष्ट्रीय समन्वयक में रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, जो कि पूरे भारत में विभिन्न लघु फिल्मों का आयोजन करती है।
 
वह जेजेटी यूनिवर्सिटी, राजस्थान में शोधार्थी हैं और उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। उनके पास 20 वर्षों से अधिक समय का पेशागत एवं शैक्षणिक अनुभव है।
Faculty
1 श्री. संदीप चटर्जी

श्री. संदीप चटर्जी

प्राध्यापक , फिल्म निर्देशन एवं पटकथा लेखन

संदीप चटर्जी भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे के एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं। उन्होंने, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट, कोलकाता की स्थापना के बाद, 1997 में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने शिक्षण कैरियर की शुरुआत की और बाद में 2009 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में शामिल हुए। उन्होंने विभिन्न फिल्म स्कूलों में भी पढ़ाया है और भारत और विदेश में कार्यशालाओं और व्याख्यान सत्रों का आयोजन किया है।

प्रतिष्ठित बंगाली कवि जिबानानंद दास की एक कहानी पर आधारित उनकी फिल्म "सुंदर जीवन" ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। उनकी अन्य प्रभावशाली फ़िल्मों जैसे "रात कोतो होलो" और 'रिकोनिसन्स' ने भी उन्हें आलोचकों की प्रशंसा दिलवाई है।

25 साल से अधिक समय तक फिल्म निर्माता और एक शिक्षक के रूप में अपने अनुभव के साथ, वह वर्तमान में फिल्म निर्देशन एवं पटकथा लेखन विभाग के प्रमुख हैं।

 
2 श्री इंद्रनील भट्टाचार्य

श्री इंद्रनील भट्टाचार्य

प्राध्यापक स्क्रीन अध्ययन एवं अनुसंधान

3 श्री एम डी नेगी

श्री एम डी नेगी

प्राध्यापक, निर्देशन

4 श्री. वैभव ए . घम

श्री. वैभव ए . घम

सहयोगी प्राध्यापक, ध्वनि मुद्रण एवं टीवी अभियांत्रिकी

5 श्री अश्विन सोनोने

श्री अश्विन सोनोने

सहयोगी प्राध्यापक

6 श्री.  मंदार डिग्रजकर

श्री. मंदार डिग्रजकर

सहयोगी प्राध्यापक, टीवी ग्राफिक्स

कोल्हापुर से एप्लाइड आर्ट्स में पदविका, सी-डैक, पुणे से कंप्यूटर एनीमेशन में एडवांस्ड पदविका, टीएमवी पुणे से इंडोलॉजी में स्नातकोत्तर तथा औरंगाबाद विश्वविद्यालय से ललित कला में स्नातकोत्तर। एनीमेशन एवं वीएफएक्स उद्योग में 14 साल तक काम करने के बाद वे दिसंबर 2011 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में शामिल हुए।

7 श्री. जिजॉय पी.आर.

श्री. जिजॉय पी.आर.

संकायाध्यक्ष (फ़िल्म), सहयोगी प्राध्यापक अभिनय

जीजॉय पी. आर. एक थियेटर, फिल्म अभिनेता, ट्रेनर, निर्माता हैं जिन्होंने वैज्ञानिक स्वभाव के दृष्टिकोण से एक प्रदर्शन कला का अध्ययन किया और इसे भारत और मध्य पूर्वी देशों में अभिनय कार्यशालाओं के माध्यम से शामिल किया।

बी.ए. अर्थशास्त्र में स्नातक, कालीकट विश्वविद्यालय से और बी.टी.ए. (थिएटर आर्ट्स) , जीजॉय ने
एम.ए. और एम. फिल. (नाटक और रंगमंच कला) पांडिचेरी विश्वविद्यालय, दोनों में प्रथम श्रेणी हासिल की। एक अभिनेता के रूप में जीजॉय के नाम पर 55 फिल्में, 40 नाटक,10 धारावाहिक और 25 लघु फिल्में हैं। उन्होंने 4 महाद्वीपों में ( ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया) रॉयल शेक्सपियर कंपनी, एक्ट प्रोडक्शंस यूके, द ब्रिटिश काउंसिल और द जापान फाउंडेशन एशिया सेंटर के साथ लगभग 400 अंतर्राष्ट्रीय थिएटर शो किए हैं । संस्कृति मंत्रालय से जूनियर फैलोशिप और एमएचआरडी से युवा कलाकार छात्रवृत्ति उन्होंने प्राप्त की हैं।
वर्ष 2014 से वह भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान के अभिनय विभाग में पढ़ा रहे हैं।
8 श्री हरीश के. एम.

श्री हरीश के. एम.

सहयोगी प्राध्यापक, ध्वनि मुद्रण एवं ध्वनि योजना

कालीकट विश्वविद्यालय से बीएससी गणित-भौतिकी-सांख्यिकी तथा 2003 में एसएई, चेन्नई से ऑडियो अभियांत्रिकी में पदविका। वर्ष 2010 से पढ़ा रहे हैं।

9 श्री. थिवाकरन टी.

श्री. थिवाकरन टी.

सहायक प्राध्यापक, चलचित्रांकन

10 श्री. मिलिंद बापट

श्री. मिलिंद बापट

सहायक प्राध्यापक, टीवी निर्माण

श्री बापट वर्तमान में फ़िल्म स्कंध, भाफिटेसं में 'ध्वनि विभाग' में विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं।

उन्होंने भाफिटेसं से अपना एम.बी.ए. वित्त एवं पदविका इन सिनेमा (एसआर एंड एसडी) पूरा किया है।

11 श्री. सैयद तनवीर ताहिर

श्री. सैयद तनवीर ताहिर

सहायक प्राध्यापक, टीवी ग्राफिक्स

12 श्री. ए. आर. कविश्वर

श्री. ए. आर. कविश्वर

सहायक प्राध्यापक , कला निर्देशन एवं निर्माण संरचना

जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई, से 1995 में एप्लाइड आर्ट्स में बी.एफ.ए. ,  इंडोलॉजी (भारतीय विद्या) में मास्टर्स और भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, से 1996 के बैच में  कला निर्देशन में पी.जी. डिप्लोमा पूरा किया। उन्हें भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान,पुणे में 20 वर्षों का शिक्षण और पेशेवर अनुभव है।

 

13 श्री. मिलिंद दामले

श्री. मिलिंद दामले

सहयोगी प्राध्यापक , ईटीवी फिल्म प्रोडक्शन

मिलिंद दामले, फिल्म और टीवी एडिटिंग में विशेषज्ञता के साथ एफटीआईआई -2004 के पूर्व छात्र हैं। वह लेखक, निर्माता और निर्देशक जैसे विभिन्न रचनात्मक पदों पर रेडियो, टीवी, फिल्म के पेशेवर हैं। उन्होंने लिखी और संपादित की हुई डिप्लोमा फिल्म द्विजा को 2005 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। अद्वैत संगीत, जिसे IFFI-2011 के भारतीय पेनरोमा की उद्घाटन फिल्म के रूप में सम्मानित किया गया था, उनके द्वारा सह-निर्मित की गयी थी। उन्होंने भारत के 13 राज्यों में 32 फिल्मों का निर्माण करने के लिए यूएनडीपी-एफटीआईआई योजना आयोग प्रोजेक्ट “फिल्म्स फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट” के समन्वयक के रूप में भी काम किया है।

टार टीवी के साथ कार्यकारी निर्माता के रूप में काम करने के बाद, अब वह 2012 से एफटीआईआई के संकाय के रूप में कार्य कर रहे हैं। सेवा में रहते हुए श्री. दामले ने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से एमए जन संचार और पत्रकारिता का अध्ययन पूरा किया।अध्यापन के साथ, वह क्षेत्रीय भारतीय सिनेमा में फिल्म एडिटिंग के भी पेशेवर हैं।

14 श्री. मोनाल अरोन

श्री. मोनाल अरोन

सहायक प्राध्यापक, ध्वनि मुद्रण एवं ध्वनि योजना

15 श्री. अमलान चक्रवर्ती

श्री. अमलान चक्रवर्ती

सहायक प्राध्यापक, संपादन

कोलकाता के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज में शिक्षित, अमलान चक्रवर्ती ने 1998 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. डिग्री तथा 2002 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान से संपादन विशेषज्ञता में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त किया। उन्होंने 1999 में कोलकाता के चितरबानी में 'इनिशियेशन टू फिल्ममेकिंग प्रोग्राम' भी पूरा किया। भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में छात्र के रूप में, उन्होंने 2005 में बीजिंग फिल्म अकादमी द्वारा आयोजित छात्र फिल्म और वीडियो महोत्सव में "उत्कृष्ट एशियाई छात्र फिल्म पुरस्कार" प्राप्त किया।

उनके विशेषज्ञता के क्षेत्र में फिल्म संपादन के शुरुआती ऐतिहासिक अभ्यास, शास्त्रीय हॉलीवुड सिनेमा की निरंतरता संपादन शैलियों और फिल्म और वीडियो संपादन में पोस्ट-शास्त्रीय रुझानों का अभ्यास शामिल हैं। उन्होंने 2010 से पेलन फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में और बाद में वेस्ट बंगाल स्टेट यूनिवर्सिटी, बारासात के लिए फिल्म स्टडीज में फोटोग्राफी, डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिक्शन फिल्म में विशेषज्ञता के साथ फिल्म और वीडियो एडिटिंग में पढ़ाना शुरू किया।

वह 2014 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में सहायक प्राध्यापक के रूप में शामिल हुए।

16 श्री आइजक न्यूटन

श्री आइजक न्यूटन

सहायक प्राध्यापक, ध्वनि मुद्रण एवं टीवी अभियांत्रिकी

फिल्म और टेलीविजन संस्थान तमिलनाडु (एफटीआयटी), चेन्नई से साउंड रिकॉर्डिंग और साउंड इंजीनियरिंग (ऑनर्स) का अध्ययन किया।

उन्होंने ध्वनि रिकॉर्डिस्ट / ध्वनि एडिटर / री-रिकॉर्डिंग मिक्सर / ध्वनि डिज़ाइनर के रूप में 40 से अधिक फीचर फ़िल्मों को पूरा किया है। उन्होंने फ़िल्म प्रभाग, मुंबई में 7.1 डिजिटल सराउंड ध्वनि स्टूडियो और फ़िल्म डिवीजन दिल्ली, भारत सरकार में 7.1 सराउंड ध्वनि 4के वीवीआईपी प्रिव्यू थियेटर को अकेले डिजाइन किया। फीचर फिल्म निर्माण तथा स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के लिए अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ फिल्म्स डिवीजन में एक सराउंड साउंड इफेक्ट्स संग्रह बनाने के लिए , एक साउंड डिजाइनर / ऑडियो डायरेक्टर के रूप में  काम सौंपा गया। उन्हें वॉल्ट डिज़नी और कार्टून नेटवर्क प्रोडक्शंस के लिए फ्रीलांस क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर / रि रिकॉर्डिंग मिक्सर के रूप में संबद्ध किया गया है।

वह सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइनर के लिए तमिल फिल्म फेयर अवार्ड के प्राप्तकर्ता भी हैं।

 
17 श्री.  सुमित कुमार

श्री. सुमित कुमार

प्राध्यापक, संपादन

सुमित कुमार ने बीएचयू, वाराणसी से स्नातक और एफटीआईआई, पुणे से, 2014 में फिल्म एडिटिंग में अपना डिप्लोमा पूरा किया।

उनके संपादित वृत्तचित्र "द ड़ॉकी मेला" को भारतीय पैनोरमा, IFFI- गोवा, 2013 में चुना गया और इसे प्रथम राष्ट्रीय छात्र फिल्म पुरस्कार, 2013 में विशेष उल्लेख का पुरस्कार मिला। उनकी निर्देशित और संपादित लघु फिल्म "इनोवेटिव ड्रीम" का "पॉर्श फिल्म अवार्ड 2015, स्टटगार्ट, जर्मनी में चयन हुआ और सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। ईईएसएल के लिए उनके संपादित विज्ञापन ने पीआर एशिया पुरस्कार -2016 जीता। उनकी संपादित फीचर फिल्म "1982 ए लव मैरिज" ने भारत में 9 वें जयपुर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में "सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक फिल्म" का पुरस्कार जीता।
उन्होंने "मेक लव, नॉट स्कार" अभियान का संपादन किया, जिसने कान्स लायंस -2017, फ्रांस के लिए क्रिएटिव इफ़ेक्टिव में प्रतिष्ठित सिल्वर लायंस जीता।

उन्होंने 2017 में टीवी विंग, एडिटिंग डिपार्टमेंट में सहायक प्रोफेसर के रूप में एफटीआईआई में शामिल होने से पहले कई सालों तक लीड ग्राफिक्स डिजाइनर और वीएफएक्स कलाकार के रूप में काम किया।

Adjunct Faculty
1 श्री बेंजामिन गिलानी

श्री बेंजामिन गिलानी

सलाहकार

1972 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में अभिनय पाठ्यक्रम में शामिल होने से पहले, शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अंग्रेजी ऑनर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

 वह व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल (2006 -2010) में अभिनय के वरिष्ठ प्राध्यापक रहे हैं, और रोहतक, हरियाणा के ललित कला संस्थान,सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआय) कोलकाता, और भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे में अतिथी संकाय कs रुप में काम कर रहे थे। 

बेंजामिन गिलानी वर्तमान में, संस्थान में अभिनय विभाग के सलाहकार हैं ।

 

2 श्री. सिद्धार्थ शास्ता

श्री. सिद्धार्थ शास्ता

प्राध्यापक, स्क्रीन अभिनय

श्री.सिद्धार्थ शास्ता, हिंदू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) से स्नातक और भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र हैं।

अभिनय सिखाने का उनका जुनून कम नहीं है।उन्होंने स्कूलों, संस्थानों और एनजीओ के साथ,बचपन, युवा, वयस्क और परिपक्व लोगों के लिए फिल्म / थिएटर ज्ञान की आवश्यकता पर बड़े पैमाने पर काम किया है। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी), नई दिल्ली के छात्रों और अन्य थिएटर छात्रों के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी विकसित और संचालित किया है,तथा स्किफ्ट,(एफटीआईआई), के बैनर तले भारत भर में अभिनय कार्यशालाएँ संचालित की है।

उन्हें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्कृत महोत्सव, बनारस, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI), गोवा में लघु अभिनय के लिए पाठ्यक्रम निदेशक और संकाय के रूप में तथा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की सहयोग से 2018 में एफटीआईआई द्वारा संचालित नेपाली अभिनेताओं के लिए "स्पेशल स्क्रीन एक्टिंग कोर्स" के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। सिद्दार्थ ने कई लघु फिल्मों और 25 से अधिक पूर्ण लंबाई केअभिनय  नाटक का निर्देशन किया है।

वर्तमान में सिद्धार्थ शास्ता को एफटीआईआई में स्क्रीन अभिनय विभाग के प्राध्यापक और प्रमुख के रूप में नामित किया गया है।

 
3 श्री. मधु अप्सारा

श्री. मधु अप्सारा

सहयोगी प्राध्यापक, ध्वनि मुद्रण एवं ध्वनि योजना

सन् 1966 में केरल के कालीकट में जन्में अप्सारा ने कालीकट विश्वविद्यालय से 'भौतिक विज्ञान' में बीएससी'  तथा सन् 1991 में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे से 'ध्वनि मुद्रण एवं ध्वनि अभियांत्रिकी' में स्नातकोत्तर पदविका पूरा किया।

उन्होंने मणि कौल के साथ मुख्य सहायक निर्देशक के रूप में 1992 से 1999 के दौरान फ़िल्म 'द क्लाउड डोर, द सर्वेंट्ज शर्ट, लाइट अपैरल और भोज' में कार्य किया है।

एक ध्वनि डिजाइनर के रूप में, उन्होंने सुधीर मिश्रा निर्देशित धारावी, 1991 एवं हजारों ख्वाहिशें ऐसी, 2002, थ्रोन ऑफ़ डेथ 1999, वार्ट 2003 (फ़िल्म के सह-लेखक),  मुरली नायर द्वारा द डॉग्स डे 2001, उन्नी 2006 और वर्जिन गोट, 2010, श्रीराम राघवन द्वारा एक हसीना थी 2004, जॉनी गद्दार, 2007, एजेंट विनोद, 2012 और बदलापुर, 2015 के अलावा कई फ़िल्मों में कार्य किया है। 

एक ध्वनि डिजाइनर के रूप में वे वृत्तचित्रों से भी जुड़े थे। 

वे एक विद्यार्थी के रूप में ध्रुपद गुरुकुल (पावेल, मुंबई) से काफी निकटता से जुड़े रहे हैं तथा गुरुकुल के अधिकांश कार्यक्रमों में ध्वनि इंजीनियर रहे हैं।

 
4 सुश्री. सुचित्रा साठे

सुश्री. सुचित्रा साठे

सहायक प्राध्यापक, वीडियो संपादन

सुचित्रा साठे भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान (FTII) की स्नातक हैं, जहां उन्होंने फिल्म एडिटिंग में विशेषज्ञता हासिल की है। वह पुणे विश्वविद्यालय से संचार अध्ययन में मास्टर्स डिग्री भी रखती है।

उनकी डिप्लोमा फिल्म ने, जिस पर उन्होंने एक संपादक के रूप में काम किया,2008 के बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म के लिए प्रतिष्ठित सिल्वर बीयर और 2008 में सर्वश्रेष्ठ लघु फिक्शन फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उन्होंने 16 से अधिक फीचर फिल्मों, कई वृत्तचित्रों और लघु फिल्मों का संपादन किया है। उनके कुछ कामों में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में शामिल हैं जैसे कि ‘गाभरीचा पाउस’ (द डैम्ड रेन), ‘रिंगण’ (द क्वेस्ट) और ‘धप्पा’ (ह्वाज़ैट)।
उन्होंने CRD जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित और ‘टाइम प्लीज’, ‘बापजन्म’ और ‘गुलाबजाम’ जैसी सफलता प्राप्त व्यावसायिक फिल्मों का संपादन किया है।

वह 2015 से एफटीआईआई के टीवी विंग में पढ़ा रही हैं।
 

5 श्री. गणेश गायकवाड

श्री. गणेश गायकवाड

सहायक प्राध्यापक, निर्देशन एवं पटकथा लेखन

भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में फिल्म निर्देशन का अध्ययन किया और पुणे विश्वविद्यालय से संचार अध्ययन में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। 2005 में उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'वॉयसेस एक्रोस द ओशन्स’ को 53 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए गोल्डन लोटस से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, प्रसिद्ध कवि-कलाकार दिलीप चित्रे के चित्र ‘ट्रैवलिंग इन ए केज’ को 2000 में 12 वीं यूजीसी-सीईसी वार्षिक वीडियो प्रतियोगिता में विशेष उल्लेख का अवार्ड मिला।

दिलीप चित्रे की चुनिंदा मराठी कविताओं का उनका हिंदी अनुवाद ‘बरफ के दिन’ एवं ‘डेज ऑफ स्नो’ 2017 में हिंदी साहित्य की पत्रिका ‘समास’ में प्रकाशित हुआ है।

एक संकाय के रूप में भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान में शामिल होने से पहले, उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय और तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, पुणे में फिल्म निर्माण और फिल्म प्रशंसा सिखाई है।

 
6 श्री. देबाशीष सरकार

श्री. देबाशीष सरकार

सहायक प्राध्यापक, संपादन

देवाशीष सरकार ने भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे से संपादन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है।

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Last Updated: 22, Feb 2019

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